पारद शिवलिंग - AN OVERVIEW

पारद शिवलिंग - An Overview

पारद शिवलिंग - An Overview

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Perform Abhishekam periodically with sacred substances like milk, honey, and yogurt. This not simply cleanses the Shivling but will also rejuvenates its spiritual energies.

According to Pandit Arvindkumar Shastri, he continues to be serving this temple considering the fact that he was ten several years outdated. This is the only Shivling on the earth weighing 2351 kg. It is nicely-known equally nationally and internationally Due to this. Beneath the 600 kilogram mercury, There exists a brass ingredient over the 1751 kg mercury Shivling.

पारद शिवलिंग की पूजन विधि और जानेंगे घर पर कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए?

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दूसरे परियोजनाओं में विकिमीडिया कॉमन्स

प्रतिदिन धूप-दीप दिखाते हुए इस यंत्र की पूजा अर्चना करें।

सोने, चांदी, हीरे के गहनों का प्रयोग सभी करते हैं। मानव शरीर पर इन गहनों का अपना महत्व और प्रभाव है। लेकिन पारा जिसे हम तरल रूप में जानते हैं , अब दशकों की मेहनत के कारण, हमारे पास पारा ठोस रूप में है जो अन्य महंगी धातुओं की तरह महंगा नहीं है, लेकिन जीवन में अत्यधिक मूल्य है और कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक बीमारी के इलाज में उपयोगी है। 

PARAD Mercury is considered the sperm (seed) of Lord Shiva and in Ayurveda it like a flowing metalloid (fluid steel).Historic Vedas has considered Parad as quite possibly the most pure and auspicious steel which not merely has spiritual value but clinical importance much too. Parad Added benefits have be proved useful from Astrological and Scientific.

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किसी बड़े पात्र में स्फटिक शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।

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पारद शिवलिंग के दर्शन करके स्पर्श करने मात्र से महादेव प्रसन्न हो जाते है

झाबुआ व बस्तर में रहने वाले आदिवासी, जो शहरों में जड़ी-बूटी बेचते आसानी से देखे जा सकते हैं, उनमें से कई पारद को ठोस बनाने की कला जानते हैं, परंतु पारद से शिवलिंग एक विशेष समय में बनाए जाते हैं जिसे 'विजयकाल' कहा जाता है। तत्पश्चात अच्छा शुभ मुहूर्त देखकर शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई जाती है।

तो हमारा बस यही उत्तर होता है जितना बड़ा आप लेना चाहे उतना बड़ा आप ले सकते है।  ये किसी भी शास्त्र में नहीं लिखा है कि पारद शिवलिंग अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए या छोटा नहीं होना चाहिए।  आप अपनी श्रद्धा अनुसार पारद शिवलिंग रख सकते है। 

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